Wednesday 16 April 2014

कांग्रेस की फटी कमीज के रफूगर बने हैं लालू-नीतीश


लोक सभा चुनाव में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कुछ लोग देश पर समस्याओं का पहाड़ थोपने वाली यूपीए सरकार को सबक सिखाने की जगह मुख्य विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ गोलबंदी कर रहे हैं। फिर से एक कमजोर और भ्रष्ट सरकार थोपने की साजिश चल रही है। मतदान से दो दिन पहले किशनगंज में जद-यू प्रत्याशी का कांग्रेस के पक्ष में हटना इसी साजिश का हिस्सा है।

बिहार गैर कांग्रेसवाद का हिमायती रहा है, लेकिन उसी राजनीति से निकले लालू प्रसाद और नीतीश कुमार कांग्रेस की फटी कमीज के रफूगर बन गए हैं। कोई खुलकर राहुल गांधी को पीएम बनाने की बात कह रहा है, तो किसी का उम्मीदवार ऐन वक्त पर पीछे हट जाता है। परिवारवाद और निजी महत्वाकांक्षा के नशे में जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटाने की मुहिम चलायी जा रही है।

लोग बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, खस्ताहाल अर्थ व्यवस्था, सीमा पर बढती चुनौती और भ्रष्टाचार से परेशान हैं, जबकि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार केवल एक व्यक्ति के खिलाफ जहर उगलने में लगे हैं। इसके बावजूद देश में बदलाव की हवा तूफान बनने लगी है। नरेन्द्र मोदी परिवर्तन की प्रबल इच्छा के प्रतीक बन चुके हैं। जनता अपने भारी मतदान से बदलाव का इतिहास लिखने वाली है।

No comments:

Post a Comment