Thursday 17 April 2014

उल्लू बनाने वाली कांग्रेस को बिहार ने दिया चुल्लू भर पानी (2009 में मिली थी सिर्फ दो सीटें)

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को टॉफी-गुब्बारे जैसे बचकाने प्रतीक से परहेज किया तो उल्लू बनाने जैसे हल्के मुहावरे पर उतर आये। किशनगंज (बिहार) की सभा में राहुल उल्लू बनाने वालों से लोगों को सावधान कर रहे थे, जबकि यहां की जनता प्रदेश की सत्ता से कांग्रेस को बाहर रखकर लगातार बता रही है कि देश को 50 साल से कौन उल्लू बना रहा है। अपना राजनीतिक राडार सक्रिय रखने वाले बिहार ने पिछले लोकसभा चुनाव में उल्लू बनाने वालों को चुल्लू भर पानी यानि 40 में से 2 सीट दिया था। उनका साथ देने वाले राजद को सिर्फ 4 सीटें मिली थीं।

राहुल गांधी ने पर्दे के पीछे से केन्द्र की सरकार चलाई, पर्दे के बाहर हीरो बनने के लिए विधेयक की प्रति फाड़ी, प्रधानमंत्री पद की गरिमा को मिट्टी में मिलाया, दुनियां में देश की छवि खराब की और अपनी पार्टी में परिवार के बाहर से कोई नेतृत्व नहीं उभरने दिया। मुट्ठी में इतनी ताकत रखने के बावजूद उन्होंने जनता को निराश किया। वे नहीं बता सके कि यूपीए सरकार ने 10 साल में बिहार के लिए क्या किया? खुद सत्ता में रहे और किशनगंज में विपक्षी नेता की तरह बोले। देश दिल्ली से चलता है और राहुल हमले गुजरात पर कर रहे हैं।

कांग्रेस के अघोषित पीएम प्रत्याशी राहुल गांधी से बिहार जानना चाहता है कि महंगाई जंगल की आग क्यों बन गई? नौजवानों के सपने बेरोजगारी में क्यों झुलस रहे हैं? और सेवा की छांव देने वाली सत्ता बड़े-बड़े घोटालों की छतरी कैसे बन गई? इन सवालों से बचने के लिए वे नरेन्द्र मोदी पर हमले कर रहे हैं। राहुल उस सरकार की वापसी के लिए वोट मांग रहे हैं जिसके प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और सूचना मंत्री चुनाव में खड़े होने का साहस नहीं कर पाये। कांग्रेस के वादे पर किसी को भरोसा नहीं रहा लेकिन लालू प्रसाद अब भी डूबती नाव पर सवार हैं।

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